पंछी तू, डाली मैं

तू पंछी कहीं ओर का
आ बैठा इस डाल पे,
तुझे कल तो उड़ जाना है
क्या मिला घर बसा के;
मैं पेड़ किसी और का
मोह लिया तूने मुझे,
सब डाली पर है घर बसे
एक खाली रह गयी तेरे लिए।


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