SHAYARI on January 30, 2020 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps बूंद बूंद की बातों से बना था जो सागर वक्त की बांध ने रख दिया उसे बांधकर, हो गया शामिल दोमुहों की कतार में बन गया समझदार अपने ज़मीर को मारके। Comments
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