सफर तेरा मेरा

जिन रास्तों से हमतुम गुज़रे थे पहले
वहाँ के पेड़-पत्थर लगे हैं पहचानने,
अब अकेला नहीं लगता है तेरे बिन
रास्ते भर हम करते हैं तेरी ही बातें।


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