तू तो घर की लक्ष्मी है

छोटी छोटी पैरों की आहट
खिलती हुई मुस्कान लिए
तू आती है पास मेरे जब
खुशिओं का उपहार लिए,
कभी नटखट, कभी तू प्यारी
घर में तू है सबकी दुलारी
ऐसी तू है, ऐसे हम है
ऐसा हमारा नाता है
तू तो घर की लक्ष्मी है
तुझे तो पूजा जाता है।

फिर तेरा थोड़ा बड़ा हो जाना
भारी बस्ता लिए स्कूल जाना
स्कूल जाके भी सबका हो जाना
अंदर ही अंदर मुझे जलाना
फिर लौट कर मुझे पापा कहना
मुझे मनाना, फिर हसा लेना
मनोहरी तू, मनमोहिनी तू
रिझाना तुझे अच्छे से आता है
तू तो घर की लक्ष्मी है
तुझे तो पूजा जाता है।
पढाई में भी सबसे आगे
आगे तू खेल कूद में
माँ का हाथ बटाना जाने
ना जाने पीछे किस चीज़ में
नाम रौशन इतना हुआ
जितना किया न किसी बेटे ने
तुझसे हर तहेवार है मेरा
तू ही मेरा बचत खाता है
तू तो घर की लक्ष्मी है
तुझे तो पूजा जाता है।

बीते दिन, बीते कई रातें
बीत गया बचपन तेरा
पढ़ाई पूरी, हुई नौकरी शुरू
बेटी से तू बेटा हो गया मेरा
शादी की बात उठी घर में
मन मचल गया है मेरा
मेरी मुस्कान छूट जाएगी अब
अब यह डर सताता है
तू तो घर की लक्ष्मी है
तुझे तो पूजा जाता है।

भूल गया सब मेरी पीड़ा
लग गया तेरा ब्याह रचाने में
मुहूर्त भी निकल गया कलका
इसे भी जल्दी थी तुझे ले जाने में
सज उठी हर गलियां
हर दरवाज़े, हर खिड़कियां
तभी हुई एक फ़ोन की दस्तक
औऱ आतंक सा फैल जाता है
तू तो घर की लक्ष्मी है
तुझे तो पूजा जाता है।

नंगे पैर, अधमरा दिल
लेकर पहुंचा अस्पताल मैं
देखा जहाँ मेरा चिराग
बुझा पड़ा था बिस्तर पर
गिद्धों ने नोच खाया था
मेरे दिल के टुकड़े को
एक थप्पड़ ना मारा जिसको
उसे बेरहमी से रौंदा जाता है
तू तो घर की लक्ष्मी है
तुझे तो पूजा जाता है।

बोलना, थोड़ा तो बोल देना
बाबा बोल एक बार पुकारना
डोली बनाई है घर चलना
बिदा मुझसे हो, जहाँ से हो ना
काँधे पर बहुत बिठाया है
पर कांधा नहीं देना है मुझे
तू जा बेटी रब के पास जा
यहाँ आज भी तुझे मारा जाता है
तू घर की लक्ष्मी नहीं है
तुझे नहीं पूजा जाता है।


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