तू और तेरा इश्क़

दुनियादारी ने जहाँ हमें तहज़ीब सीखा दिया
वही तेरे इश्क़ में हमने उनको ही भुला दिया,
रोज़िन्दा कशमकश के फागुन से निकाल के
हमें तूने तेरी यादों की बयाबान में ज़ाहिद बना दिया;
अभी अभी तो कुछ लफ्ज़ हिंदी के सीखे थे
की तूने शायर बनाकर हमें उर्दू भी सीखा दिया,
तब भी तुझसे मेरी मुस्कान बर्दाश्त ना हुई की
की अपने यादों की रंगों से मुझे मुसव्विर बना दिया।


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