बह चल

बह चल इस नदी के साथ
मत गिन कंकडों को तू,
तेरी किस्मत में है बह जाना
बन शैलाब आगे बढ़ जाना;
चट्टानों से टकरा कुछ सीखना
उनकी थप्पड़ों को मत भूलना,
कल यह खुद तुझे राह दिखाएँगे
तुझे तेरी मंज़िल से मिलवाएंगे।

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