कभी रब के नाम पर
कभी रिश्तों की वजह से,
लोग डराते चले गए
और मैं डरता चला गया;
कल जो थकता ना था
आज हारने से डरता है,
कहानी अब भी मेरी ही है
बस अब लिखता कोई और है।
कभी रिश्तों की वजह से,
लोग डराते चले गए
और मैं डरता चला गया;
कल जो थकता ना था
आज हारने से डरता है,
कहानी अब भी मेरी ही है
बस अब लिखता कोई और है।