लोग पूछते हैं इतनी शायरियां केसे लिख लेते हो
लगता है बड़े फुर्सत में हो आज कल
अब मैं उन्हें केसे बताऊ की दो पल की ज़िन्दगी में
चार पल का मज़ा ले लिया है मेने
कलम तो बस रखता हु कागज़ पर
स्याही कब शायरी बन जाती है
पता ही नहीं चलता.
लगता है बड़े फुर्सत में हो आज कल
अब मैं उन्हें केसे बताऊ की दो पल की ज़िन्दगी में
चार पल का मज़ा ले लिया है मेने
कलम तो बस रखता हु कागज़ पर
स्याही कब शायरी बन जाती है
पता ही नहीं चलता.