Shayari 16

मेरे सिर्फ अल्फ़ाज़ों पर ध्यान न दे
मेरे जज़्बातों को भी ज़रा देख ले,
कहीं मैं कहना तुझसे और चाहता हो
और तू कुछ और ही समझ ले।